11 साल में दूसरी बार मार्च में सर्वाधिक बारिश, आज भी आसार; तापमान 27 से 20 डिग्री पर पहुंचा

राजधानी में काेरोना वायरस के बीच गुरुवार दोपहर ओलों ने दहशत फैला दी। दोपहर ढाई बजे बेर के आकार के ओले ऐसे गिरे कि वाहनों तक पर डेंट पड़ गए। लोग जहां, जिस इमारत में थे, वहीं ठहर गए। डेढ़ घंटे तक लगातार ओलों की बारिश होती रही। ओलों से सफेद हुईं शहर की सड़कें स्नोफॉल के बाद के शिमला-सी नजर आईं। तेज बारिश से नाले उफान पर  गए। 


मौसम विभाग की मानें तो 16 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो 11 साल में दूसरी बार मार्च में सर्वाधिक है। इससे पहले 15 मार्च 2015 में सर्वाधिक 35.8 मिमी बारिश हुई थी। पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से शुक्रवार को भी बरसात और ओले गिरने के आसार हैं। कलेक्ट्रेट, परकाेटा, मानसराेवर, टाेंक राेड, वैशाली नगर, साेढ़ाला, मालवीय नगर सहित ज्यादातर इलाकाें में बारिश के साथ अाेलावृष्टि हुई। शाम पांच बजे तक अाेले-बारिश का दाैर चला।


करतारपुरा नाले में कार सहित युवती फंसी


वही करतारपुरा नाला... हां! आयुष वाला।  2017 में इसी नाले में आयुष कार सहित बह गया था। कचरे से अटा नाला गुरुवार को थोड़ी बारिश में ही ओवरफ्लो हो गया। कार सवार एक युवती नाले में फंस गई। गनीमत रही कि रेलिंग थी और कार उससे टकराकर नाले में गिरने से बच गई। लोगों की मदद से उसे बाहर निकाला गया। सवाल है कि हल्की बारिश में ही यह हाल है तो मानसून के दिनों में क्या होगा? नालों की सफाई का दावा करने वाले प्रशासन को इसके लिए कुछ सोचना होगा। बारिश के दाैरान 30-40 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवाएं भी चलीं, इससे कई स्थानाें पर पेड़ गिर गए। सड़कें घंटाें जाम रहीं।


कई इलाकों में बिजली गुुल, 800 शिकायतें दर्ज


शहर में गुरुवार दोपहर बाद हुई ओलावृष्टि व बारिश के कारण पांच हजार से ज्यादा घरों में बिजली गुल रही। जयपुर डिस्कॉम के कॉल सेंटर पर 800 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुई हैं। वहीं, एचटी फीडर में फॉल्ट व ट्रिपिंग के कारण कई कॉलोनियों में बिजली सप्लाई बाधित रही। शहर के झोटवाड़ा, निवारू रोड, पुरानाघाट, आमेर, शास्त्रीनगर, सोढ़ाला, न्यू सांगानेर  रोड, सांगानेर व चारदीवारी सहित अन्य इलाकों में सबसे ज्यादा बंद रही।


32 डिवीजनों में कॉल सेंटर, इंतजार क्यों?
शहर के 32 डिवीजनों में गाड़ियां व काॅल सेंटर हैं। डिस्कॉम की आईटी विंग ने फर्म को छूट देते हुए दो घंटे में शिकायत सुधारने का काम दे रखा है। यानी लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद उपभोक्ता को 30 मिनट से एक घंटे तक बिजली बहाल होने का इंतजार करना पड़ता है। कॉन्ट्रेक्टर पर अधिकतम 10% ही पैनल्टी का प्रावधान है। 


तापमान 27 से 20 डिग्री पर पहुंचा
माैसम बदलने से पहले दिन का तापमान 26.8 डिग्री था। अाेले-बारिश के बाद ठंडी हवाएं चली अाैर तापमान 7 डिग्री गिरकर 20 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। बारिश-ओलावृष्टि के बाद धूप खिली अाैर शाम 7 बजे तापमान बढ़कर फिर से 22 डिग्री पहुंच गया।